Geeta Saar Part 2

 अर्जुनोवाच है श्री कृष्ण 

कई लोगों को तुमने सुवर्ण दिया और कई लोगों को आपने हाथी, घोड़े, रथ दिए। उन्होंने कौन से पुण्य किए हैं?

श्री भगवानों वाच है अर्जुन! जिन्होंने स्वर्ण दान किया उन्होंने उनको हाथी घोड़े वाहन मिलते हैं जो परमेश्वर निमित कन्यादान करते हैं वो पुरुष का जन्म (स्वर्ण सी) काया में पाते हैं।

     अर्जुनोवाच है भगवान! जिन पुरुषों की सुन्दर विचित्र देह है उन्होंने कौन कौन पुण्य किया है? किसी के घर सतती हैं, कोई विद्वान हैं, उन्होंने कौन पुण्य किया है?

श्री कृष्णोवाच है अर्जुन 

जिन्होंने अन्नदान किया है उनका स्वरूप सुन्दर है जिन्होंने विज्ञादान किया है वे विद्वान होते हैं। जिन्होंने संतों की सेवा करी है वे पुत्रवान होते हैं।

   अर्जुनोवाच है भगवान! किसी को धन से प्रीति है, कोई स्त्रियों से प्रीति है, कोई स्त्रियों से प्रीति करते हैं इसका क्या विचार है?

 श्री कृष्णोवाच है अर्जुन हर किसी का धन, स्त्री सब नाशरूप है मेरी भक्ति का नाश नहीं है।

   अर्जुनोवाच है भगवान! राजपाट किस धर्म से मिलता है? विद्या कौन से धर्म से मिलता है

गीता सार



 श्री भगवानों वाच है अर्जुन! जो पापी श्री काशी जी में निष्काम भक्ति से तप करते हैं, वे देह त्यागते है। वो राजा होते हैं जो गुरु की सेवा करता है सो विद्वान होता है अर्जुनोवाच है भगवान! किसी को धन अचानक बिना परिश्रम के मिलता है। कोई सारी उमर रोग रहित होते हैं। सो उन्होंने कौन पुण्य किए हैं?

 श्री भगवानों वाच है अर्जुन! जिन्होंने गुप्तदान किया है उनको छिपा हुआ धन अनायास ही मिलता है। जिन्होंने परमेश्वर का कार्य और पराया कार्य संवारा है वे रोग रहित होते हैं।

अर्जुनोवाच है भगवान! कौन पाप से अमली होता है, कौन पाप से गूंगा कुष्ठी होता है?

 श्री भगवानों वाच है अर्जुन! जो अपने गुरु की स्त्री से गमन करते हैं सो अमली होते हैं। गुरु से विद्या पढ़कर मुकर जाते हैं वे गूंगे होते हैं। जिन्होंने कुकर्म किया है वे कुष्ठी होते हैं।

  अर्जुनोवाच है श्री कृष्ण जी! किसी को देह रक्त का विकार होता है। वो किस पाप से? कोई दरिद्री होते हैं। किसी को खंड वायु होती है, कोई अंधे होते हैं? कोई स्त्रियों बाल विधवा होती हैं सो कौन पाप से होती हैं।

 श्री भगवानों वाच है अर्जुन! जो सदा क्रोधवान रहते हैं उनको रक्त विकार होता है, जो कुशील रहते हैं वे दरिद्री होते हैं जो कुकर्मी ब्राह्मण को दान देते हैं उनको खंड वायु होती है। जो प्राणी स्त्री से कुदृष्टि करता है, जिसने गौ व ब्राह्मण को लात मारी है, वो लंगड़ा कर पंगुल होता है। जो स्त्री अपने पति को छोड़ कर पराए मर्दों का संग करती है सो बाल विधवा होती है।

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