छोटों का महत्त्व

 कहानी 

गंगा नदी के तट पर घना जंगल है। उसमें घने पेड़ों की छाया सभी को आराम देती हैं। एक बार उस जंगल का राजा शेर अपने शिकार से लौट आया और किसी गुफा के बाहर सो गया। वनराज शेर को किसका दर था। इसलिये वह गहरी नींद में सो गया तभी उस गुफा के पास एक बिल में चूहा रहता था वह उसके पूंछ से खेलने लगा और उसके मुंह उछल कूद करने लगा शेर की नींद टूट गई और वह गुस्से में आकर देखने लगा की यह कोनसा जानवर है जो मेरी नींद को तोड़ दिया लेकिन जब वह छोटे से चूहे को देखा तो उसे दया आ गई, इसलिए उसे छोड़ दिया मारा नहीं इसी प्रकार उस दोनों में मित्रता हो गई एक बार शेर अपने शिकार पर निकला। जंगल में शिकारियों ने जाल बिछा रखा था शिकार के लोभ शेर उस मैं फस गया।

शेर 


 अब शेर छटपटाने लगा। उसे अपनी मृत्यु समीप ही दिखाई देने लगी। उधर चूहे ने देखा कि काफी समय हो गया है। पर अभी तक शेर क्यों नहीं लौटा। इसलिये वह उसकी खोज में निकल गया। अन्त में शेर को जाल में फंसा हुआ दिखाई दिया। इस कारण से वह जल्दी से जाल को अपने दांतों से काट दिया। और शिकारियों के आने से पहले शेर की जान बचाई। इसी तरह एक छोटे से चूहे ने एक शेर की जान बचाई, अत जिस प्रकार एक बड़ी चीज का महत्त्व है उसी प्रकार छोटों का महत्त्व जानकर हमें उनका त्याग नहीं करना चाहिए।

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